भोजपुरी बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश की एक महत्त्वपूर्ण बोली है

भोजपुरी बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश की एक महत्त्वपूर्ण बोली है. देश - विदेश के लगभग 20 करोड़ भोजपुरिया लोगों की भाषा. भोजपुरी सिनेमा इसी बोली और भाषा का सिनेमा है. कुछ लोग 1948 की दिलीप कुमार, कामिनी कौशल अभिनीत, मोती बी ए के लोकप्रिय गीतों से सजी, मछुवारों के जीवन पर बनी बेहद सफल फिल्म नदिया के पार को पहली भोजपुरी फिल्म मानते हैं. इसमें गंगा यमुना और तीसरी कसम की तरह भोजपुरी का प्रभाव तो है, पर यह शुद्ध भोजपुरी फिल्म नहीं है.


      पहली शुद्ध भोजपुरी फिल्म 'गंगा मैय्या तोहे पियरी चढ़इबे' है. जिसे 1963 में मूलतः भोजपुरी मातृभाषी गाजीपुर के प्रसिद्ध फ़िल्मकार और अभिनेता नासिर हुसैन ने प्रथम राष्ट्रपति और भोजपुरी मातृभाषी राजेंद्र प्रसाद जी के 1950 में प्रेमिल अनुरोध पर बनायी थी. जो एक बेहद सफल, प्रशंसित और सामाजिक समस्या पर केन्द्रित फिल्म थी. इसकी सफलता और प्रशंसा से प्रेरित होकर उस वक्त कई भोजपुरी फिल्में बनीं - लागी नहीं छूटे रामा, विदेशिया, हमार संसार, बलम परदेशिया आदि. 1977 में सुजित कुमार - पद्मा खन्ना अभिनीत पहली रंगीन भोजपुरी फिल्म दंगल थी, जो बहुत सफल रही. 1982 में सचिन और साधना सिंह की नदिया के पार - हिंदी - भोजपुरी मिश्रित बेहद सफल फिल्म थी, जिस पर कालांतर में हम आप के हैं कौन का निर्माण हुआ. इसके बाद एक लम्बा अंतराल रहा.